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Nakhatrana-Bhuj, Kutch-Gujarat, India
World's No. 1 Database of Lord Bajrang Bali Statues and Temples in India and Abroad on Internet Social Media Site.**Dy. Manager-Instrumentation at Archean Chemical Industries Pvt. Ltd., Hajipir-Bhuj (Gujarat). Studied BE, Instrumentation and Control Engineering (First Class) at Govt. Engineering College, Gandhinagar affiliated to Gujarat University.**

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Friday, 7 August 2015

गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानसका लंकाकाण्ड

सिंधु बचन सुनि राम सचिव बोलि प्रभु अस कहेउ ।
अब बिलंबु केहि काम करहु सेतु उतरै कटकु ॥
सुनहु भानुकुल केतु जामवंत कर जोरि कह ।
नाथ नाम तव सेतु नर चढ़ि भव सागर तरहिं ॥
भावार्थ :- समुद्रके वचन सुनकर प्रभु श्रीरामजीने मंत्रियोंको बुलाकर ऐसा कहा- अब विलंब किसलिए हो रहा है ? सेतु (पुल) तैयार करो, जिसमें सेना उतरे । ऋक्षराज जाम्बवानने हाथ जोड़कर कहा- हे सूर्यकुलके ध्वजास्वरूप (कीर्तिको बढ़ाने वाले) श्रीरामजी ! सुनिए। हे नाथ ! (सबसे बड़ा) सेतु तो आपका नाम ही है, जिस पर चढ़कर (जिसका आश्रय लेकर) मनुष्य संसाररूपी समुद्र (भवसागर) से पार हो जाते हैं।

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