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Nakhatrana-Bhuj, Kutch-Gujarat, India
World's No. 1 Database of Lord Bajrang Bali Statues and Temples in India and Abroad on Internet Social Media Site.**Dy. Manager-Instrumentation at Archean Chemical Industries Pvt. Ltd., Hajipir-Bhuj (Gujarat). Studied BE, Instrumentation and Control Engineering (First Class) at Govt. Engineering College, Gandhinagar affiliated to Gujarat University.**

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Thursday, 5 November 2015

गोस्वामी तुलसीदास विरचित श्रीहनुमान चालीसा

तुम्हरे भजन राम को पावै I जनम जनम के दुख बिसरावै II ३३ II
अंत काल रघुबर पुर जाई I जहाँ जन्म हरि−भक्त कहाई II ३४ II
भावार्थ :- हे सीताराम भक्त हनुमानजी ! आपके भजनसे लोग भगवान श्रीरामको प्राप्त कर लेते हैं और अपने जन्म-जन्मान्तरके दुःखोंको भूल जाते हैं अर्थात उन दुःखोंसे उन्हें मुक्ति मिल जाती है II ३३ II  अन्त समयमें मृत्यु होनेपर वह भक्त प्रभुके परमधाम (साकेत−धाम) जायगा और यदि उसे जन्म लेना पड़ा तो उसकी प्रसिद्धि हरिभक्तके रूपमें हो जायगी II ३४ II

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