महाबल-सीम, महाभीम, महाबानइत, महाबीर बिदित बरायो रघुबीरको I
कुलिस-कठोरतनु जोरपरै रोर रन, करुना-कलित मन धारमिक धीरको II
दुर्जनको कालसो कराल पाल सज्जनको, सुमिरे हरनहार तुलसीकी पीरको I
सिय-सुखदायक दुलारो रघुनायकको, सेवक सहायक है साहसी समीरको II १० II
भावार्थ :- आप अत्यन्त पराक्रमकी हद, अतिशय कराल, बड़े बहादुर और रघुनाथजीद्वारा चुने हुए महाबलवान विख्यात योद्धा हैं I वज्रके समान कठोर शरीरवाले जिनके जोर पड़ने अर्थात बल करनेसे रणस्थलमें कोलाहल मच जाता है, सुन्दर करुणा एवं धैर्यके स्थान और मनसे धर्माचरण करनेवाले हैं I दुष्टोंके लिये कालके समान भयावने, सज्जनोंको पालनेवाले और स्मरण करनेसे तुलसीके दुःखको हरनेवाले हैं I सीताजीको सुख देनेवाले, रघुनाथजीके दुलारे और सेवकोंकी सहायता करनेमें पवनकुमार बड़े ही साहसी (हिम्मतवर) हैं II १० II
कुलिस-कठोरतनु जोरपरै रोर रन, करुना-कलित मन धारमिक धीरको II
दुर्जनको कालसो कराल पाल सज्जनको, सुमिरे हरनहार तुलसीकी पीरको I
सिय-सुखदायक दुलारो रघुनायकको, सेवक सहायक है साहसी समीरको II १० II
भावार्थ :- आप अत्यन्त पराक्रमकी हद, अतिशय कराल, बड़े बहादुर और रघुनाथजीद्वारा चुने हुए महाबलवान विख्यात योद्धा हैं I वज्रके समान कठोर शरीरवाले जिनके जोर पड़ने अर्थात बल करनेसे रणस्थलमें कोलाहल मच जाता है, सुन्दर करुणा एवं धैर्यके स्थान और मनसे धर्माचरण करनेवाले हैं I दुष्टोंके लिये कालके समान भयावने, सज्जनोंको पालनेवाले और स्मरण करनेसे तुलसीके दुःखको हरनेवाले हैं I सीताजीको सुख देनेवाले, रघुनाथजीके दुलारे और सेवकोंकी सहायता करनेमें पवनकुमार बड़े ही साहसी (हिम्मतवर) हैं II १० II
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