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Nakhatrana-Bhuj, Kutch-Gujarat, India
World's No. 1 Database of Lord Bajrang Bali Statues and Temples in India and Abroad on Internet Social Media Site.**Dy. Manager-Instrumentation at Archean Chemical Industries Pvt. Ltd., Hajipir-Bhuj (Gujarat). Studied BE, Instrumentation and Control Engineering (First Class) at Govt. Engineering College, Gandhinagar affiliated to Gujarat University.**

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Saturday, 21 November 2015

गोस्वामी तुलसीदास कृत संकटमोचन हनुमान अष्टक

बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो I
चौंकि महा मुनि साप दियो तब, चाहिय कौन बिचार बिचारो II
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो I
को नहिं जानत है जगमें कपि, संकटमोचन नाम तिहारो II २ II
भावार्थ :- बालिके भयके कारण कहीं शरण न पाकर वानरराज सुग्रीव छिपकर (ऋष्यमूक) पर्वतपर रहते थे, जहाँ मतंग मुनिके शापके कारण बालि प्रवेश नहीं करता था I महाप्रभु श्रीरामचंद्रजी लक्ष्मणजीके साथ जब सीताजीको खोजते हुए उधरसे जा रहे थे, तब सुग्रीव उन्हें बालिका भेजा हुआ योद्धा समझकर चकित हो यह विचार करने लगा कि अब क्या करना चाहिए ? हे हनुमानजी ! तब आप ब्राह्मणका रूप धारण करके भगवान श्रीरामचन्द्रजीको वहाँ ले आये I इस प्रकार आपने दास सुग्रीवके महान भय और शोकको दूर किया I संसारमें ऐसा कौन है जो आपके 'संकटमोचन' नाम से परिचित नहीं है? II २ II

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