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Nakhatrana-Bhuj, Kutch-Gujarat, India
World's No. 1 Database of Lord Bajrang Bali Statues and Temples in India and Abroad on Internet Social Media Site.**Dy. Manager-Instrumentation at Archean Chemical Industries Pvt. Ltd., Hajipir-Bhuj (Gujarat). Studied BE, Instrumentation and Control Engineering (First Class) at Govt. Engineering College, Gandhinagar affiliated to Gujarat University.**

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Sunday, 25 October 2015

श्रीहनुमानजीकी आरती (गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी रचित)

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे I आनि सजीवन प्रान उबारे II ६ II
भावार्थ :- शेषावतार श्रीलक्ष्मणजी लंकाके युद्ध-मेदानमें {रावण-सुत मेघनाद (इन्द्रजीत)- के बाण (वीरघातिनी अमोघ शक्ति)- की चोटसे} मूर्छित होकर पड़े थे {युद्ध-भूमिमें चारों ओर शोकका कोलाहल व्याप्त था}, तब श्रीहनुमानजीने शीध्र ही संजीवनी बूटी {हिमालयसे द्रोणाचल पर्वत} लाकर उनके प्राणोंकी रक्षा की II ६ II

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