गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीहनुमान चालीसा :-
भूत पिसाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै II २४ II
भावार्थ :- भूत-पिशाच आदि आपका 'महावीर' नाम सुनते ही (नामोच्चारण करनेवालेके) समीप नहीं आते हैं I
व्याख्या :- 'बजरंगबली' का नाम लेनेमात्रसे भूत-पिशाच भाग जाते हैं तथा भूत-प्रेत आदिकी बाधा मनुष्यके पास भी नहीं आ सकती I श्रीहनुमानजीका नाम लेते ही सारे भय दूर हो जाते हैं I
भूत पिसाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै II २४ II
भावार्थ :- भूत-पिशाच आदि आपका 'महावीर' नाम सुनते ही (नामोच्चारण करनेवालेके) समीप नहीं आते हैं I
व्याख्या :- 'बजरंगबली' का नाम लेनेमात्रसे भूत-पिशाच भाग जाते हैं तथा भूत-प्रेत आदिकी बाधा मनुष्यके पास भी नहीं आ सकती I श्रीहनुमानजीका नाम लेते ही सारे भय दूर हो जाते हैं I
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