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Nakhatrana-Bhuj, Kutch-Gujarat, India
World's No. 1 Database of Lord Bajrang Bali Statues and Temples in India and Abroad on Internet Social Media Site.**Dy. Manager-Instrumentation at Archean Chemical Industries Pvt. Ltd., Hajipir-Bhuj (Gujarat). Studied BE, Instrumentation and Control Engineering (First Class) at Govt. Engineering College, Gandhinagar affiliated to Gujarat University.**

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Sunday 2 August 2015

हनुमान बाहुक [गोस्वामी श्रीतुलसीदास रचित]

हनुमान बाहुक [गोस्वामी श्रीतुलसीदास रचित] :-
दवन-दुवन-दल भुवन-बिदित बल, बेद जस गावत बिबुध बंदीछोर को I
पाप-ताप-तिमिर तुहिन-विघटन-पटु, सेवक-सरोरुह सुखद भानु भोरको II
लोक-परलोकतें बिसोक सपने न सोक, तुलसीके हिये है भरोसो एक ओरको I
रामको दुलारो दास बामदेवको निवास, नाम कलि-कामतरु केसरी-किसोरको II ९ II
भावार्थ :- दानवोंकी सेनाको नष्ट करनेमें जिनका पराक्रम विश्वविख्यात है, वेद यश-गान करते हैं की देवताओंको कारागारसे छुड़ानेवाला पवनकुमारके सिवा दूसरा कौन है ? आप पापान्धकार और कष्टरुपी पालेको घटानेमें प्रवीण तथा सेवकरुपी कमलको प्रसन्न करनेके लिये प्रातःकालके सूर्यके समान हैं I तुलसीके हृदयमें एकमात्र हनुमानजीका भरोसा है, स्वप्नमें भी लोक और परलोककी चिन्ता नहीं, शोकरहित है, रामचन्द्रजीके दुलारे शिवस्वरूप [ग्यारह रुद्रमें एक] केसरीनन्दनका नाम कलिकालमें कल्पवृक्षके समान है II ९ II

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